धर्म और समाज

परिचय:भारत की प्राचीन संस्कृति में धर्म को केवल पूजा-पाठ या अनुष्ठान तक सीमित नहीं माना गया, बल्कि धर्म का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण और मानवता की सेवा रहा है। वैदिक ऋषियों से लेकर आज…

🔰 प्रस्तावना प्राचीन भारत की सभ्यता न केवल विज्ञान, कला और शिक्षा के क्षेत्र में समृद्ध थी, बल्कि उसका धार्मिक और सामाजिक ताना-बाना भी अत्यंत गहन और सुव्यवस्थित था। धर्म और समाज आपस में…

परिचय:भारत जैसे विविध संस्कृति और धार्मिकता वाले देश में धार्मिक सहिष्णुता (Religious Tolerance) का महत्व अत्यधिक है।यह केवल अलग-अलग धर्मों के सहअस्तित्व का नहीं, बल्कि आपसी सम्मान, प्रेम और भाईचारे का भी प्रतीक है।आज…

परिचय:भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में धर्म केवल व्यक्तिगत आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर पहलू को गहराई से प्रभावित करता है।धर्म के मूल्य — जैसे सत्य, अहिंसा, करुणा, प्रेम, दया और…

परिचय:भारत एक धर्मप्रधान देश है, जहाँ धर्म केवल आध्यात्मिकता का नहीं बल्कि सामाजिक चेतना और सुधार का भी आधार रहा है।धर्म आधारित सामाजिक सुधार आंदोलनों ने भारतीय समाज को बुराइयों से मुक्त करने, जागरूकता…

परिचय:भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है जहाँ धर्म न केवल व्यक्ति के निजी जीवन को, बल्कि पूरे सामाजिक ढांचे को भी आकार देता है।प्राचीन काल से लेकर आज तक, धर्म भारतीय समाज की सोच, संस्कृति,…

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